केलुचरण महापात्र वाक्य
उच्चारण: [ keluchern mhaapaater ]
उदाहरण वाक्य
- अद्यतन काल में गुरु केलुचरण महापात्र ने इसका पुनर्विस्तार किया।
- अद्यतन काल में गुरु केलुचरण महापात्र (1926-2004) ने इसका पुनर्विस्तार किया।
- केलुचरण महापात्र सम्मान समारोह-2008 रंगारंग नृत्य के साथ शुरू किया गया।
- पिछले कलाशिखर पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में कुछ नाम है पंडित जसराज, एम. एफ. हुसैन, लता मंगेशकर और पंडित केलुचरण महापात्र शामिल हैं।
- पं. केलुचरण महापात्र तथा प. बिरजू महाराज की शिष्या पार्वती दत्ता के अगुवाई में सात नृतकों के थिरकते पांवों तथा सुरुचिपूर्ण भाव-भंगिमाओं ने मंच को मानो नई प्राण-ऊर्जा से भर दिया।
- इसी फलक को और बड़ा करने पर रवि वर्मा के चित्र, विद्यापति के पद, केलुचरण महापात्र के नृत् य और कुमार गंर्धव के गायन एक दूसरे के पूरक हो जाते हैं।
- महान ओडिसी नर्तक गुरु केलुचरण महापात्र को वह प्रेरणा और प्रेम से तुलसीदास और ' मानस' की पंक्तियों के संसार में ले आए और केलुबाबू ने अपनी प्रस्तुति से उत्तर और दक्षिण का एक विलक्षण समन्वय घटित कर दिखाया।
- जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर: गुरु केलुचरण महापात्र पुरस्कार महोत्सव की द्वितीय संध्या पर पद्मश्री बिरजू महाराज के पुत्र प्रसिद्ध कथक नर्तक दीपक महाराज के नृत्य और प्रसिद्ध गायक पंडित उल्लास कशालकर के शास्त्रीय गायन ने मन मोह लिया। महोत्सव की द्वितीय संध्या के प्रथम कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक गुरु पंडित बिरजू महाराज के सुपुत्र तथा विशिष्ट कथक नर्तक दीपक महाराज ने अर्धनारीश्वर नृत्य प्रस्तुत कर मन मोह लिया। इसके बाद तोरी मैं ना मानूंगी.. गीत पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत
- जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर ओडिशी नृत्य गुरु शंकर बेहेरा व ओडिशी संगीत साधक गुरु घनश्याम पंडा को प्रतिष्ठित गुरु केलुचरण महापात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंत्री देवी प्रसाद मिश्र ने पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि ओडिशी कला-संस्कृति के प्रसार-प्रचार में गुरु केलुचरण महापात्र का योगदान सदैव याद रखा जाएगा। ओडिशी नृत्य-संगीत को विश्व में स्थापित करने में जिन लोगों का योगदान रहा, उनमें गुरु केलुचरण महापात्र का कोई मुकाबला नहीं है। स्थानीय रविन्द्र मंडप
- जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर ओडिशी नृत्य गुरु शंकर बेहेरा व ओडिशी संगीत साधक गुरु घनश्याम पंडा को प्रतिष्ठित गुरु केलुचरण महापात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंत्री देवी प्रसाद मिश्र ने पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि ओडिशी कला-संस्कृति के प्रसार-प्रचार में गुरु केलुचरण महापात्र का योगदान सदैव याद रखा जाएगा। ओडिशी नृत्य-संगीत को विश्व में स्थापित करने में जिन लोगों का योगदान रहा, उनमें गुरु केलुचरण महापात्र का कोई मुकाबला नहीं है। स्थानीय रविन्द्र मंडप
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